Bseb education update

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Holi per nibandh होली पर निबंध कैसे लिखें

Holi per Nibandh होली पर निबंध कैसे लिखें

.    दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 250-300 शब्दों में  निबन्ध लिखें । 

                होली

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

(1) भूमिका                         (ii) होली

(iii) पौराणिक कथा          (iv) होली की विशेषता

(v) उपसंहार

 

      भूमिका-

भारत उत्सवों का देश है। होली सबसे अधिक रंगीन और मस्ती भरा उत्सव है। इस दिन भारतवर्ष में सभी फक्कड़ता और मस्ती की भँग में मस्त रहते हैं।

        होली-

होली वाले दिन लोग छोटे-बड़े, ऊँच-नीच, गरीब-अमीर, ग्रामीण-शहरी का भेद भूलकर एक-दूसरे से गले मिलते हैं तथा परस्पर गुलाल लगाते हैं।

    पौराणिक कथा-

होली के मूल में हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रहलाद और होलिका का प्रसंग आता है। हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को मार डालने के लिए होलिका को नियुक्त किया था। होलिका के पास एक ऐसी चादर थी, जिसे ओढ़ने पर व्यक्ति आग के प्रभाव से बच सकता था। होलिका ने उस चादर को ओढ़कर प्रहलाद को गोद में ले लिया और अग्नि में कूद पड़ी, वहाँ दैवी चमत्कार हुआ। होलिका आग में जलकर भस्म हो गई। परंतु प्रहलाद का बाल भी बाँका न हुआ। तब से लेकर आज तक होलिका-दहन की स्मृति में होली का पर्व मनाया जाता है।

   होली की विशेषता-

होली का उत्सव दो प्रकार से मनाया जाता है। होली के एक या दो दिन पहले रात्रि में लकड़ी, झाड़-झंखाड़ एकत्र कर उसमें आग लगा देते है और समूह में इकट्ठे होकर गीत गाते हैं। आग जलाने की यह प्रथा होलिका-दहन की याद दिलाती है। ये लोग रात को आतिशबाजी आदि जलाकर भी अपनी खुशी प्रकट करते हैं।

   उपसंहार-

इस दिन गली-मुहल्लों में ढोल-मजीरे बजते सुनाई देते हैं। कोई नीले-पीले वस्त्र पहने घूमता है, तो कोई जोकर की मुद्रा में मस्त रहता है। बच्चे पानी के रंगों में एक-दूसरे को नहलाने का आनंद लेते हैं। बच्चे पिचकारियों से भी रंग की वर्षा करते दिखाई देते हैं। परिवारों में इस दिन लड़के-लड़कियाँ, बच्चे-बूढ़े, तरूण-तरूणियाँ सभी मस्त होते हैं। प्रौढ़ महिलाओं की रंगबाजी रोचक बन पड़ती है। इस प्रकार, यह उत्सव मस्ती है और आनंद से भरपूर है।

 

Leave a Reply

Scroll to Top