17 February 10th Hindi ka original subjective question paper
5. निम्नलिखित में से किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए :
5×2=10
(1) पाप्पाति कौन थी ? वह शहर क्यों लाई गई ?
उत्तर:—पाप्पाति तमिलनाडु के एक गाँव की महिला वल्लि अम्माल की बेटी थी। उसे बुखार आ गया। जब वल्लि अम्माल उसे लेकर गाँव के प्राइमरी हेल्थ सेंटर में दिखाने गई तो वहाँ के डॉक्टर ने अगले दिन सुबह ही जाकर नगर के बड़े अस्पताल में दिखाने को कहा । अतः वल्लि अम्माल पाप्पाति को लेकर सुबह की बस से नगर के बड़े अस्पताल में दिखाने पहुँच गई।
(ii) माँ मंगु को अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती कराना चाहती थी ?
उत्तर:—माँ समझती थी कि मैं माँ होकर सेवा नहीं कर सकती तो अस्पताल वालों को क्या पड़ी है, अपंग जानवरों की गोशालाओं में भर्ती कर अपने जैसा ही यह कहा जाएगा। उसे कौन प्यार से खिलाएगा ? कौन टट्टी-पेशाब कराएगा ? गीला बिछावन कौन बदलेगा और कौन साथ सुलाएगा ? इन बातों को सोचती हुई वह अपने शरीर से उत्पन्न पुत्री को अस्पताल में भर्ती कराना नहीं चाहती थी ।
(iii) कवि की दृष्टि में माली-मालिन कौन हैं ?
उत्तर:—कवि की दृष्टि में कृष्ण और राधा माली और मालीन हैं।
(iv) ‘दिनकर’ की दृष्टि में आज के देवता कौन हैं ?
उत्तर:—दिनकर की दृष्टि में मजदूर तथा किसान ही आज के देवता हैं।
(v) मनुष्य की छायाएँ कहाँ और क्यों पड़ी हुई हैं ?
उत्तर:—मनुष्य की छायाएँ झुलसे हुए पत्थरों और उजड़ी हुई सड़कों की गच (फर्श) पर पड़ी हुई है जहाँ मानव की नियति अकाल काल-कवलित (मरना) होना लिखा था।
(vi) झोले में मछलियाँ लेकर बच्चे पतली गली में दौड़ते हुए क्यों घुस गए ?
उत्तर:—झोले में मछलियाँ लेकर बच्चे दौड़ते हुए पतली गली में इसलिए घुस गए क्योंकि गली से घर नजदीक पड़ता था ।
(vii) लखनऊ और रामपुर से बिरजू महाराज का क्या संबंध है ?
उत्तर:—लखनऊ में बिरजू महाराज का तथा रामपुर में उनकी तीनों बहनों का जन्म हुआ था। बचपन में बिरजू महाराज रामपुर (वहाँ के नवाब के आमंत्रण पर) अपने पिताजी के साथ नाचने जाया करते थे।
(viii) बढ़ते नाखून द्वारा प्रकृति मनुष्य को क्या याद दिलाती है ?
उत्तर:—बढ़ते नाखून द्वारा प्रकृति मनुष्य को याद दिलाती रहती है कि तुम अब भी पशु हो उन्हीं की तरह आचरण करने वाले हो । तुम इतने सभ्य हो गए हो फिर भी तुम पशु की तरह हिंसक, जड़, क्रोधी, ईर्ष्यालु और विवेकहीन हो ।
(ix) ‘अक्षर-ज्ञान’ कविता में बेटे के आँसू कब आते हैं और क्यों ?
उत्तर:—अक्षर ‘ड’ नहीं लिख पाने की विफलता में बेटे को आँसू आ जाते हैं, क्योंकि उसे माँ से बहुत प्यार है और ‘ड’ लिख लेने की विफलता में वह माँ की गोदी में बैठने की आशा करता है और आँसू छलक पड़ते हैं।
(x) बहादुर के चले जाने पर सबको पछतावा क्यों होता है ?
उत्तर:—बहादुर सीधा-सादा लड़का था। उससे सबको आराम मिलता था और सबके अहं की तुष्टि होती थी। लोग इसे नाहक मार और गाली भी देते थे तथा चोरी का इल्जाम लगाकर अपमानित भी किया करते थे। उसके चले जाने पर सबको अपनी भूल का एहसास हुआ। इसलिए पछतावा हुआ ।
6. निम्नलिखित प्रश्नों में किसी एक प्रश्न का उत्तर लिखिए :
1×5=5
(i) व्याख्या करें :
उत्तर:—प्रस्तुत गद्यांश विनोद कुमार शुक्ल द्वारा लिखित कहानी ‘मछली’ शीर्षक पाठ से लिया गया है। इसमें लेखक ने पूरे घर में फैली मछलियों जैसे गंध के विषय में प्रकाश डाला है।
लेखक का कहना है कि बाल्टी को उलटने पर पानी तो क्षण भर में निकल गया और स्नान घर की नाली बिल्कुल खाली हो गई। लेकिन, सारा घर मछलियों की गंध से भर गया। लेखक के कहने का तात्पर्य है कि जब व्यक्ति की संवेदना नष्ट हो जाती है तब वह पूरे वातावरण को दूषित बना देता है। उसके इस दोष का प्रभाव समाज पर इस प्रकार पड़ता है कि उसके मरने के बाद भी वह दोष लोगों को हँसता रहता है। अर्थात् जब बुराई फैल जाती है तो दीर्घ काल तक समाज को परेशान करती रहती है। लोगों का दम घूँट जाता है। जैसे बाल्टी में मछली रखा पानी को
नहानघर की नाली क्षण भर को पूरी भर गई, फिर बि खाली हो गई।बहा दिया जाता है, किन्तु मछली की गंध कायम रहती है और पूरे-परिवार को बेचैन बनाए रखती है।
(ii) व्याख्या करें :
भारतमाता ग्रामवासिनी
खेतों में फैला है श्यामल
धूल भरा मैला-सा आँचल
उत्तर:—प्रस्तुत पक्ति पंत लिखित ‘भारतमाता’ शीर्षक कविता की है। कवि का कहना है कि जिन्हें भारत की आत्मा कहा गया है, जिनके खेत सदा शस्य-श्यामला रहते थे, आज वे दीन-हीन तथा उदास अपनी दुर्दशा का रोना क्यों रो रहे हैं। दिन भर खेतों में काम करने वाले अन्नदाता दुःखी क्यों हैं। इन प्रश्नों के माध्यम से कवि ने यह स्पष्ट करने का प्रयास किया है कि जिस देश के गाँवों की सम्पन्नता, सभ्यता, संस्कृति आदि इतिहास के पन्नों पर स्वर्णाक्षरों में अंकित है, आज हर दृष्टि से पिछड़ा एवं उदास है। अतः कवि के कहने का तात्पर्य है कि जमींदारों के शोषण के कारण ग्रामीण किसानों की दशा अति करूणाजनक है। उनकी ऐसी दशा देखकर कवि को लगता है कि गंगा-यमुना का जल उन्हीं व्यक्तियों के अनुजल है। भाषा तत्सम प्रधान खड़ी बोली है। ‘मैला-सा आँचल’ में उपमा अलंकार है। किसानों की दशा का मार्मिक चित्रण है तथा पीड़ा का करूण गान है।